रामगंगा नदी के तीर,
मनोहर गेवाड़ घाटी,
प्राकृति की सुंदर तस्वीर,
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बसन्त ऋतु में छटा निराली,
घाटी में छाई हरियाली,
मन का सम्मोहन कर लेती,
कोयल के कुह-कुह अलबेली,
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नदी का धीमा माध्यम स्वर,
उस पर तट की घास सुनहरी,
आनंद विभोर मन हो जाता,
घाटी की देख शोभा न्यारी,
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